जहां कथा होती है वहां व्यथा नहीं होती है- संत शंभू शरण लाटा

*शुभ संकल्प को पूरा करने में देर ना लगाए*

सूरत। जहां कथा होती है वहां व्यथा नहीं होती है। अच्छे संकल्प तुरंत पूरा कर लेना चाहिए।नहीं तो उसके पूरा होने में अनेक कठिनाइयां आ जाती हैं। शनिवार को व्यासपीठ से यह बात कही शंभू शरण लाटा ने। वे अग्रवाल समाज ट्स्ट एवं श्री लक्ष्मी नाथ सेवा समिति द्वारा आयोजित श्री राम कथा में भक्तों क कथा का रसपान करा रहे थै।उन्होने कहा कि राजा दशरथ अपने कान के पास एक सफेद बाल देखकर राजपाठ राम को सौंपकर वन में जाने का विचार करते हैं।लेकिन मनथरा के कहने पर कैकेयी द्वारा भरत को राज और राम को वनवास का वर मांगने पर व्यथित हो जाते हैं।अंततःप्राण त्याग कर देते हैं।उन्होने एक मार्मिक बात बतायी कि पुरोहितों से एक दिन का समय राजा दशरथ ने मांगा था। जिससे शुभ संकल्प को पूरा करने में देर हो गयी और परिणामस्वरूप जिस राम का सुबह राजतिलक होनेवाला था , उस राम को वनवास हो जाता है।इसलिए शुभ संकल्प जल्द से जल्द पूरे कर लेने चाहिए।

कर ले सो काम
भज ले सो राम

संत जी ने कहा कि मन्थरा आज भी लोगों के मन में जिन्दा हैं। सतसंग का असर होगा कि नहीं लेकिन कुसंग का असर होता जरूर है।इसलिए कुसंग से हमेशा बचना चाहिए।

राम को 14 वर्ष का ही वनवास मिला क्योंकि रावण कि आयु सिर्ष 14 ही शेष थी।

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संत कहे हरि भजन को रे
लोग मरे रूपियन को
हाय रूपिया, हाय रूपिया
आग लग सब जग में
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जब वक्त छुडा ले हाथ
कहां कोई साथ निभाता है
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जैसे भजन और गीतों से भक्तगण झूम उठे।
शनिवार को कथा में राम प्रकाश रूंगटा,सजन महर्षि,शरद मिश्रा,रेणु विकाश मित्तल,अंजू रामचंद्र अग्रवाल,पवन रामसिसरिया,बनवारी लाल मुरारका उपस्तिथ रहे ।

व्यवस्था में ट्रस्ट के अध्यक्ष कोकी अग्रवाल,समिति अध्यक्ष शिव रतन देवड़ा,मीडिया प्रभारी सोनू अग्रवाल,पवन गुप्ता उपस्थित रहे।

पूर्व अध्यक्ष सुशील बजाज ने बताया आज पवन गोपाष्टमी की शुभ बेला में सैंकड़ों माताओं ,बहनों ने परंपरागत वेशभूषा में गौ माता का पूजन किया।
संरक्षक संजय जगन्नानी ने बताया कल आंवला नवमी का त्यौहार भी आनन्द से मनाया जाएगा।