सूरत का लहंगा चोली शादियों में सिर्फ़ दुल्हन को ही नहीं पूरी बारात की महिलाओं को दुल्हन की तरह सजा देता है- चंपालाल बोथरा सूरत — CAIT

एशिया की सिंथेटिक कपड़ा बाज़ार में सिरमौर और गुजरात की आर्थिक नगरी के नाम से जाना जाने वाला शहर जो आज सूरत टेक्सटाइल सिटी के नाम से जाना जाता है।आज सूरत कपड़ा बाज़ार बहुत बड़ा और बहुमुखी विशाल रूप लेके बढ़ रहा है । सूरत कपड़ा उद्योग में 7 लाख वीविंग मशीन , 360 डायंग प्रिंटिंग प्रोसेस हाउस , 1.10 लाख वैल्यू एडीसन एम्बोरोडरी मशीन , डिजिटल प्रिंटिंग मशीन, लगभग 2 लाख गारमेंट सिलाई की मशीन एवम् 200 होलसेल कपड़ा बाज़ार के 75000 दुकानदार व्यापारी भाई प्रतिदिन सूरत कपड़ा मार्केट में 5 करोड़ मीटर कपड़े का उत्पादन करते है ।जिससे सूरत का 80हज़ार करोड़ का व्यापार प्रतिवर्ष हो रहा है जो आगे हर वर्ष तेज गति से बढ़ेगा ।इस कार्य में आज सूरत में 20लाख से अधिक श्रमिक कार्यरत है जिसमें 4.50 लाख महिलाओं को
आज सूरत में प्रत्यक्ष/ अप्रत्यक्ष घरेलू रोज़गार मिलता है ।
आज सूरत में डोमेस्टिक और एक्सपोर्ट , गारमेंट , ऑनलाइन का व्यापार जिस तेज़ी से डिमांड बढ़ रहा है उसका मुख्य कारण सूरत में फैब्रिक क्वालिटी डिज़ाइन आदि में विविधता नयापन इसको ब्रांड का नाम पहचान दिला रहा है ।

आज सूरत में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की लूम मशीन , जेकॉर्ड वीविंग, सुलजर लूम ,शटल लेस , एयर जेट ,वाटर जेट , रैपियर लूम , और इकेक्ट्रिक जेकॉर्ड लूम के साथ साथ होज़ीयरी, निटिंग ,सरकुलर नीटिंग ,आदि की ने ग्रे उत्पादन को बढ़ाया है ।इसी वजह से आज सूरत के कपड़ा बाज़ार के सामने कोई एक जगह सब उपलब्ध करा दें ऐसा सूरत ही एक विकल्प बाज़ार है ।आज डिजिटल मशीनों और गारमेंट की बढ़ते माँग , ऑन लाइन व्यापार की मार्केटिंग ने सूरत की डिमांड को बड़ा कर दिया है ।आज सूरत की भारतीय पारंपरिक कपड़े साड़ी, ड्रेस ,सलवार क़मीज़ , सूट , गाउन ,कुर्तिया , जीन्स , प्लाज़ो , लेंगिस , शर्ट – पेंट , कॉटन , रेयोन , पॉलिस्टर , फैब्रिक्स ने काफ़ी डिमांड में है ।
सूरत आज शादी ब्याव में लहंगे चोली में अलग अलग फैब्रिक्स मटेरियल उपलब्ध करा अपना सर्वोच्च ख्याति प्राप्त किया है ।जिससे कम बजट में बहुत सारी ख़रीदी व्यक्ति का परिवार कर सकता है ।आज कहावत कहते है कि पहले शादी में दुल्हन लहंगा चोली पहनती थी कारण काफ़ी महँगा आता था परंतु सूरत ने पूरी बारात की महिलाओं को लहंगा चोली पहना दिया।आज बारात में सभी महिलायें लगभग लहंगा चोली में होगी ।इसका कारण सूरत में अलग अलग फैब्रिक्स , साड़ी से भी सस्ते दाम,अलग अलग कढाई, डिज़ाइन आदि ने बारात की महिलाओं को भी दुल्हन की तरह सजा दिया ।
आज सूरत में कोई भी गारमेंट मंडी जो गारमेंट बनाती है जैसे कोलकत्ता , अहमदाबाद , इंदौर , जबलपुर , मुंबई , दिल्ली , उल्हासनगर , गोरखपुर , नोएडा आदि को भी सूरत का फैब्रिक्स लेना मजबूरी और अनिवार्य हो गया है ।
और देश की अलग अलग मंडिया जैसे भिवंडी , मालेगांव , ईरोड़, तिरुपुर , इचलकरंजी , पाली, जोधपुर , बालोंतरा, भीलवाड़ा, बनारस , मेरठ , कोलकत्ता आदि सभी बाज़ारो का कॉटन , रेयोन , पॉलिस्टर , विस्कोज़ ,लगभग प्रतिदिन 80 से 90 लाख मीटर कपड़ा सूरत में डायिंग प्रिंट होके प्रोसेस करा बिकता है । गारमेंट उद्योग के दिन ब दिन बढ़ती माँग से भी ऑनलाइन का व्यापार ब्रांडिंग के नाम से सूरत पहचान बनाता जा रहा है ।
लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकार यदि नीतिगत नियम धरातल को ध्यान में रख के बनाये और व्यापारियो को आर्थिक ,इंटरेस्ट आदि में सहयोग उपलब्ध कराये तो सूरत डोमेस्टिक और इंटरनेशनल मार्केट में एक्सपोर्ट बढ़ा अपना पुराना इतिहास दोहरा सकता है ।

चम्पालाल बोथरा सूरत
टेक्सटाइल & गारमेंट कमेटी
राष्ट्रीय चेयरमैन
CAIT
9426157835