वरिष्ठ हिंदी भाषी कांग्रेसी नेता विश्वबंधु राय ने दिया इस्तीफा

मुंबई। आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य तथा मुंबई कांग्रेस के पूर्व महासचिव विश्वबंधु राय ने कांग्रेस के सभी पदों तथा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे भावुक पत्र में विश्वबंधु राय ने तमाम गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि मैंने पिछले दो दशक में जिला स्तर के पद से राजनीतिक कैरियर की शुरुआत करते हुए मुंबई प्रदेश महासचिव और एआईसीसी सदस्य के तौर पर पार्टी की सेवा की है। लेकिन अब इस पार्टी में तमाम ऐसे कारण हैं, जिससे एक दिन भी रहना नामुमकिन है। लिहाजा मैं पार्टी के सभी पदों एवं प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। पत्र में उन्होंने कहा है कि दिल्ली में डेरा जमाये हुए जनाधार विहीन नेताओं ने पार्टी को कमजोर किया है। कांग्रेस पार्टी के सीडब्ल्यूसी के अधिकांश सदस्य लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, क्योंकि ज्यादातर सदस्य चुनाव हार जाएंगे। ऐसे पदाधिकारी देशभर के कांग्रेसी नेताओं व कार्यकर्ताओं को क्या भविष्य दे सकते हैं ? खड़गे को आड़े हाथों लेते हुए राय ने कहा है कि आप भी अध्यक्ष पद के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा लगता है कि आप एक राष्ट्रीय पार्टी में दक्षिण भारतीय और अपने जाति समुदाय को विशेष प्राथमिकता देना चाहते हैं। कृपया मेरी बातों का गंभीरता से समीक्षा करें। उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी की दुर्दशा का मुख्य कारण शिवसेना यूबीटी के सामने घुटने टेकना है। विपक्ष के तौर पर सबसे ज्यादा विधायक कांग्रेस में हैं। फिर भी इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे में कांग्रेस की क्षमता का अपमान किया है। हमें जानबूझकर हारनेवाली सीट दी गई है। सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस ने क्षेत्रीय पार्टी के नेताओं के आगे घुटने टेक दिए हैं। वरिष्ठ हिंदी भाषी कांग्रेसी नेता विश्वबंधु राय ने कहा है कि मुंबई कांग्रेस में कई वर्षों से ब्लॉक अध्यक्षों की नवनियुक्ति नहीं हुई है। पुराने ब्लॉक अध्यक्षों ने वार्ड कमेटी तक का गठन नहीं किया है। मुंबई कांग्रेस की महिला – युवा व अल्पसंख्यक इकाई की हालत और भी खस्ता है। इन फ्रंटल इकाईयों में कोई पद नहीं स्वीकार कर रहा है। केंद्रीय समिति से प्रभारी बनकर आने वाले नेता कार्यकर्ताओं से मुलाकात नहीं करते हैं। वर्तमान के पदाधिकारी मराठी व हिंदी भाषा को समझ भी नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा है कि मुंबई कांग्रेस के लिए कार्य करने वाले हर एक कार्यकर्ता का भविष्य अंधेरे में हैं। हिंदू नेताओं की खासतौर पर उपेक्षा की जा रही है। हिंदुओं से जुड़े मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के नेतागण चुप्पी साध लेते हैं। सवालिया लहजे में उन्होंने कहा है कि क्या हिंदुओं की सुरक्षा व समस्याएं राष्ट्रहित का प्रश्न नहीं है। क्या पार्टी हाईकमान ने पार्टी के वरिष्ठ हिंदू नेताओं को चुप रहने की हिदायत दे रखी है। विश्वबंधु राय ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले कई वर्षों से पूर्व अध्यक्ष व आप को कई पत्र लिख चुका हूं। आप लोगों के द्वारा मेरे समाधान के लिए एक जवाब भी नहीं भेजा जाता है। यह आप लोगों के अहंकार व लापरवाही का नतीजा है कि आज मैंने कांग्रेस पार्टी से त्यागपत्र देने का फैसला लिया है।