अनाथ बच्चों को शिक्षित करने वाले विमल प्रताप सिंह का सम्मान

जौनपुर। देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान राहुल एजुकेशन की तरफ से ग्रामीण अंचल में अनाथ और गरीब बच्चों को अपने ट्रस्ट के माध्यम से शिक्षा दिलाने का महत्वपूर्ण काम कर रहे समाजसेवी विमल प्रताप सिंह का सम्मान किया गया। वरिष्ठ पत्रकार शिवपूजन पांडे ने शॉल तथा स्मृति चिन्ह देकर उनका सम्मान किया गया। अपने गुरु परमहंस गोपाल जी के नाम पर परमहंस गोपाल फाउंडेशन ट्रस्ट संचालित करने वाले विमल सिंह मुंगरा बादशाहपुर के एक बड़े घराने से ताल्लुक रखते हैं। अध्यात्म के प्रति उनका गहरा लगाव है,यही कारण है कि वे लगातार प्राचीन संतों और महात्माओं की उपेक्षित पड़ी समाधि स्थलों के जीर्णोधार का कार्य करते रहे हैं। गरीब और लाचार लोगों का अंतिम संस्कार कराने के साथ-साथ वे उसका छोटे स्तर पर सनातन पद्धति से शुद्धक और त्रयोदशाह संस्कार भी कराते रहे हैं। समाज सेवा का नशा उनके सिर चढ़कर बोलता है। समाज को अंधविश्वास से मुक्त करने की दिशा में काम करने के साथ-साथ भविष्य में गरीबों के लिए फ्री एम्बुलेंस सेवा शुरू करने की योजना है। अपने जीवन के बारे में पूछे जाने पर विमल प्रताप सिंह ने कहा – मैंने एक संपन्न समाजसेवी परिवार में जन्म पाया। समाजसेवा पैतृक संस्कार में ही मिला। जिसके चलते मैं लोगों का दुख देखकर बहुत जल्दी द्रवित हो जाता हूं। वैसे मैं मिजाज से सनातन पंथी गुरु भक्त संत सेवक हूं। गुरुदेव परमहंस रामगोपाल फाउंडेशन के माध्यम से सामाजिक व धार्मिक कार्यों को अपनी क्षमतानुसार करने की कोशिश करता रहता हूं। राम, रहीम और रविदास की समन्वित विचारधारा के साथ बिना किसी भेदभाव के समाज के सबसे निचले पायदान के लोगों के कल्याणार्थ जो भी संभव है कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मछली शहर के भिटौरा गांव में एक सिद्ध संत भिटौरा महाराज के आदेश पर मैंने वहां एक विद्यालय का निर्माण कराया और उसे इंटर मीडिएट तक की मान्यता दिलवाई। पूज्य महाराज मुझे विद्यालय का प्रबंधन सौंप रहे थे। लेकिन मैंने क्षमा मांगते हुए इनकार कर दिया। बावजूद मैं उस संस्था से लगातार जुड़ा हूं। शासन-सत्ता के सहयोग से वहां मैंने एक स्टेडियम का निर्माण कराया है। अब प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से आग्रह किया हूं कि उस अति पिछड़े क्षेत्र में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया जाय। क्योंकि वहां दूर-दूर तक ऐसी कोई सुविधा नहीं है कि लोग अपना इलाज करा सकें। उसी इलाके में एक नदी भी बहती है। जिसके चलते बाढ़ के समय आवागमन बाधित हो जाता है। नदी पर एक पुल के निर्माण को लेकर लोक निर्माण विभाग से लगातार पैरवी कर रहा हूं। मेरा यह जीवन राष्ट्र,समाज, सनातन और मानवता के लिए समर्पित है।मैं किसी के आंसू पोंछ संकू। इसमें मुझे सुख का अनुभव होता है। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं ताउम्र दिन- दुखियों व संतों की सेवा करता रहूं। यही मेरे जीवन का लक्ष्य है।