पुलिस की पकड़ से दूर आरोपी दे रहा पीड़ित परिवार को धमकी

सुलतानपुर। चांदा कोतवाली अंतर्गत ग्राम दुआरी में एक माह बीत जाने के बाद भी आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। ऊपर से आरोपी द्वारा पीड़ित व पीड़ित के परिवार को धमकी भी दी जा रही है कि ज्यादा पुलिस के चक्कर में पड़ोगे तो उल्टा बलात्कार के केस में फसवा दूंगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार दुआरी निवासी मिनहाज अंसारी (27 वर्ष) पुत्र बरकत अली 22 जुलाई को सुबह 6:30 किसी का फोन आने पर घर से निकल गया। उसके बाद दिन के 11 बजे किसी के द्वारा घर वालों को फोन पर सूचना मिलने पर महारानी पश्चिम रेलवे स्टेशन पर रेलवे पटरी पर गंभीर व मरणासन्न हालत में मिनहाज अंसारी पड़ा था।
मिनहाज को एंबुलेंस द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चांदा भेजा गया जहां डाक्टर ने सिर पर गंभीर चोट व कमर व पेट में घुसे राड, सरिया देख सुलतानपुर रेफर कर दिया। इसके बाद ट्रामा सेंटर में रेफर कर दिया गया था। घटना की सूचना 22 जुलाई को ही चांदा कोतवाली को दी जा चुकी है। लगभग 18 दिन आईसीयू में व गहन चिकित्सा के पश्चात 12 अगस्त के आस-पास मिनहाज को होश आया तो उसने बताया कि इसी गांव के मेरे मित्र स्वराज उर्फ इमरान अंसारी पुत्र स्व. मंजूर जो हम दोनों साथ मुंबई में काम करते थे। घटना के एक हफ्ते पहले स्वराज उर्फ इमरान ने अचानक मुझे गाली व देख लेने की धमकी दी थी, फिर 22 जुलाई को स्वराज के इशारे पर मुझे महारानी पश्चिम रेलवे स्टेशन स्थित बुलवाकर कुछ लोगों द्वारा जो मुंह ढके थे, मेरे सिर पर किसी लोहे की वस्तु से वार करके बेरहमी से पिटाई करते हुए राड/सरिया पेट व कमर में घुसा दिया गया। मुझे मरा समझकर सब चले गए थे। मिनहाज ने यह भी बताया कि स्वराज जब मुंबई में थे। मैं उस समय घर (दुआरी गांव) पर था तो स्वराज की पत्नी मुझे फोन पर मार्केट आदि ले जाने के लिए कहती थी तो मैं मना कर देता था, फिर स्वराज की पत्नी ने स्वराज को फोन पर बोला कि अपने दोस्त मिनहाज से कह दो कि मुझे कहीं जाना रहे तो मुझे मना न करे और ले जाया करे। फिर मैं उनको जहां कहती, वहां ले जाने लगा। इसी बीच हम लोगों के बीच रिलेशनसिप हो गया। यही बात जब मेरे मित्र स्वराज उर्फ इमरान को हुई तो घटना के एक हफ्ते पहले गाली व देख लेने की धमकी दी गई थी। मिनहाज की मां मदीना बानो पत्नी बरकत अली ने जब कोतवाली चांदा और लंभुआ क्षेत्राधिकारी को प्रार्थना पत्र देने गई तो दोनों जगह से दुत्कार कर भगा दिया गया। आरोपी अभी भी खुले में घूम रहे हैं। साथ ही आरोपी के इशारे पर गैंग के किसी सदस्य द्वारा फर्जी कोतवाली चांदा का दीवान बनकर पीड़ित परिवार को फोन पर धमकी भी दिया जा रहा है कि पुलिस से दूर रहो नहीं तो बलात्कार के केस में फंसा कर सभी को जेल में डलवा दूंगा। पीड़ित परिवार ने बताया कि पुलिस अधीक्षक सुल्तानपुर और भी बड़े-बड़े पुलिस अधिकारियों के साथ ही मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई गई है लेकिन अभी तक उन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में घटना के एक माह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी आरोपी स्वराज उर्फ इमरान व उसका गैंग पुलिस की पकड़ से दूर है जो पुलिसिया न्याय प्रणाली पर प्रश्नचिन्ह दर्शाता है।