*बजट से टेक्सटाइल & गारमेंट उद्योग के व्यापारियों में निराशा :-

3

आज के अंतरिम बजट से टेक्सटाइल और गारमेंट के व्यापारी वर्ग को बड़ी उम्मीद थी ।कि वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी कुछ बड़ी घोषणाएँ करेंगी ऐसी उम्मीद टेक्सटाइल जगत के व्यापारी भी लगाये बैठे थे ।

उन्हें आयकर अधिनियम की धारा 43 बी(एच) सूक्ष्म और लघु उद्यम के मामले में लागू है । इस बात को लेकर बहुत भ्रम है कि इस परिभाषा के अंतर्गत कौन कौन शामिल होंगे का खुलासा देके राहत देगी परंतु कोई बात नहीं रखी जिससे पिछले 15दिन से टेक्सटाइल व्यापार में सीजन के समय भी ऑर्डर में 50 प्रतिशत की कटौती हुई है साथ ही रिटर्न गुड्स भी आने लगा है ।

आयकर स्लेव में कोई बदलाव नहीं किया गया है ।
पी एम मित्रा पार्क को भी आगे बढ़ाने के लिए कोई घोषणा नहीं की गयी ।

इंपोर्ट फैब्रिक्स को रोकने के लिए ड्यूटी बढ़ाने एवम् घरेलू व्यापार और एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए भी कुछ नहीं आया है ।
टेक्सटाइल उद्योग कृषि उद्योग के बाद सबसे बड़ा रोज़गार का साधन है आने वाले दिनों विदेशी कंपनियों के बढ़ते निवेश से भारतीय छोटे छोटे

व्यापारियो के लिये उनका व्यापार और रोज़गार में बढ़ती आर्थिक सहयोग के लिए स्कीम नहीं बनाया गया ।
टेक्सटाइल को रिसर्च और स्किल के लिए भी कोई बजट में प्रावधान को बढ़ावा नहीं दिया गया ।
कुल मिलाके टेक्सटाइल & गारमेंट से जुड़े व्यापारी को बजट में निराशा हाथ लगी है ।

चम्पालाल बोथरा
कनफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स
टेक्सटाइल &गारमेंट समिति
राष्ट्रीय चेयरमैन