उत्तर भारतीय संघ ने मानवता की दिशा में बढ़ाया एक और कदम

प्रतिदिन 100 गरीब लोगों को अन्न दान

मुंबई। हिंदू धर्म में दान की महिमा अपरंपार है और दान का विशेष महत्व है। अन्न दान महादान है और शास्त्रों के अनुसार अगर कोई सबसे बड़ा दान है तो वह है अन्न दान। यह संसार अन्न से बना है अर्थात अन्न से ही संसार की सभी रचनाओं का पालन होता है। दुनिया में भोजन ही एकमात्र ऐसी चीज है जो शरीर के साथ-साथ हमारी आत्मा को भी तृप्त करती है। अन्न दान के इसी महत्व को देखते हुए उत्तर भारतीय समाज की सर्वमान्य प्रतिष्ठित संस्था उत्तर भारतीय संघ ने रक्षाबंधन के अवसर पर 5000 जरूरतमंद महिलाओं को साड़ी का उपहार देने के बाद अब प्रतिदिन 100 अत्यंत गरीब व्यक्तियों को अन्न दान करने की घोषणा की है। रविवार को बांद्रा पूर्व स्थित कार्यालय में हुई वार्षिक बैठक में सर्वसम्मत से यह निर्णय लिया गया कि दिए गए टोकन के आधार पर प्रतिदिन दोपहर 12 से 2 बजे के बीच 100 गरीब लोगों को अन्न दान किया जाएगा। संघ के अध्यक्ष संतोष आरएन सिंह ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि संघ के सभी सम्मानित पदाधिकारियों ने एकमत से गरीब लोगों को एकमत से अन्न दान करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि मानवता की दिशा में संघ का यह एक छोटा सा प्रयास है, जो लगातार जारी रहेगा। इसके अलावा संघ की वार्षिक बैठक में प्रतिवर्ष 11 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराने तथा अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित नए लुक आउट में दिखने वाली उत्तर भारतीय संघ की इमारत का जल्द ही उद्घाटन किया जाएगा। मानवता की दिशा में उत्तर भारतीय संघ द्वारा लगातार सराहनीय काम किए जा रहे हैं। संघ की वार्षिक बैठक में उपस्थित रहने वाले प्रमुख लोगों में वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ राधेश्याम तिवारी, उपाध्यक्ष– रमेश बहादुर सिंह, अक्षैबर तिवारी, संजय सिंह, डॉ. किशोर सिंह, अमरजीत सिंह, महामंत्री देवेंद्र तिवारी कोषाध्यक्ष अजय सिंह,पत्रकार राजकुमार सिंह, श्रीनिवास तिवारी विद्रोही महाराज, राजेश सिंह, रेनू मल्लाह, सीताराम यादव, विनोद मिश्रा, सुमित सिंह, विकास सिंह,संजू सिंह, अंतेश सिंह, समेत अनेक पदाधिकारी तथा सदस्य उपस्थित रहे ।