श्री एम.डी.शाह महिला महाविद्यालय में हिंदी के लोकगीत की धूम

मुंबई। जन सेवा समिति द्वारा संचालित श्री. एम. डी. शाह महिला महाविद्यालय ऑफ कॉमर्स एंड आर्ट्स की हिंदी विभाग की स्नातक एवं स्नातकोत्तर विभाग के द्वारा हिंदी दिवस के उपलक्ष में अंतर महाविद्यालयीन लोकगीत प्रतियोगिता एवं लोकगीत प्रस्तुति का कार्यक्रम संपन्न हुआ।इस कार्यक्रम की शुरुआत विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना से हुई। इसके बाद लोकगीतों का हमारे जीवन और साहित्य में क्या महत्व है? इस पर प्रख्यात पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. महेंद्र गुहा ने अपने विचार रखे। इस प्रतियोगिता में मुंबई विश्वविद्यालय और एस.एन.डी.टी. विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयो के छात्राओं ने भाग लिया।प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार संगीत विभाग,एस.एन. डी.टी. विश्वविद्यालय की छात्रा प्रिया दुंघाव को प्राप्त हुआ और द्वितीय पुरस्कार श्री एम. डी. शाह महिला महाविद्यलय ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स की छात्रा कोमल झा को प्राप्त हुआ। तीन प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। पुरस्कार में प्रतिभागियों को नक़द राशि दी गयी। प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में प्रसिद्ध संगीतकार और कम्पोज़र रामसर और मराठी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रविंद्र कांबले उपस्थिति थे। लोकगीत प्रतियोगिता के बाद लोकगीतकारों के द्वारा विभिन्न लोकभाषाओ में लोकगीत प्रस्तुत किये गए। प्रसिद्ध कवि और लोकगीतकार जवाहरलाल ‘निर्झर’ रामसिंह,कल्पेश यादव के द्वारा विभिन्न भाषाओं में लोकगीत गाये गए।महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. दीपा शर्मा के हाथों प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किया गया | पीजी विभाग की समन्वयक डॉ. विद्यालक्ष्मी रत्नाकर और हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. हीरल शादिजा ने लोकगीतों के महत्व पर अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। इस कार्यक्रम की संयोजक डॉ.चंपा मासीवाल ने कार्यक्रम का संचालन किया और अंत में एम.ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा प्राची सिंह ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर महाविद्यलय के अलग-अलग विभाग के शिक्षक और छात्र उपस्थित थे |