नवरात्रि के साथ ही शुरू हुआ एड. रवि व्यास का कमल खिलाओ अभियान

भायंदर। मीरा भायंदर विधानसभा चुनाव प्रभारी एड. रवि व्यास के नेतृत्व मे चुनावी अभियान की जोर शोर से शुरुआत कर दी है. गुरुवार को नवरात्र के पहले दिन मीरा रोड़ के बालाजी होटल के पास रवि व्यास ने चुनाव कार्यालय का उदघाटन किया. इस अवसर पर बड़ी संख्या मे भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद रहे. इस अवसर पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए रवि व्यास ने कहा कि एक बार फिर भाजपा के गढ़ मीरा भायंदर मे कमल खिलाना है और इसके लिए सभी को पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के लिए दिन रात मेहनत करनी होंगी. उन्होंने साफ किया कि पिछले चुनाव मे जिन खामियों की वजह से हमें हार मिली थी, उससे सबक लेते हुए पार्टी के सभी समर्पित सिपाहियों को एकजुटता के साथ काम करना होगा, जिससे पार्टी इस बार मीरा भायंदर विधानसभा मे रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करेंगी. गौरतलब है कि वर्तमान निर्दलीय विधायक गीता जैन महायुति सरकार को समर्थन तो करती है, लेकिन उनका झुकाव ज्यादातर शिवसेना शिंदे गुट की तरफ दिखाई देता है और भाजपा के बड़े नेताओं से निजी मुलाक़ात के अवसर छोड़ दे तो वो संगठन के कार्यक्रमों और कामों से नदारद ही रहती है. साथ ही उनकी वचनपूर्ति के दावे भी हमेशा विवादों मे रहते है ,जिससे उनके खिलाफ एक एंटीइनकंबेंसी का माहौल देखने को मिल रहा है. वही पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता भी चुनाव के करीब आते ही संगठन मे अपनी पैठ और ज़मीनी स्तर पर अपनी पकड़ दिखाने का प्रयास कर रहे है. नगरसेवको के समर्थन का दावा करते हुए वो पार्टी पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे है। हाल के दिनों में मेहता और गीता जैन के बीच हुई जुबानी जंग भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है, जिसने पार्टी आलाकामान का सिरदर्द बढ़ा दिया है. ऐसे मे पार्टी को लगता है कि अगर इस सीट पर जीत हासिल करनी है तो नये चेहरे को मौका दिया जाना चाहिए तभी ये किला आसानी से फतह किया जा सकता है. ऐसे मे इस बार रवि व्यास एक सुशिक्षित और ईमानदार चेहरे के रूप मे बढ़िया विकल्प हो सकते हैं। इस पर पार्टी मे आत्ममंथन का दौर जारी है.जिलाध्यक्ष पद पर रहते हुए उन्होंने तमाम बगावत के बावजूद जिस तरह से संघठन को मजबूती प्रदान की और फिर पद से हटने के बाद भी मिली हुई जिम्मेदारी को निष्ठा से संभाल रहे है ,वह उनके पक्ष मे जा रहा है. और कार्यक्रम मे जिस तरह कार्यकर्ताओं का उत्साह और नारेबाजी देखने को मिल रहा है, वह भी बदलाव के मांग की ओर संकेत दे रहा था. हालांकि इस विधानसभा का इतिहास भी रहा है कि वो हर बार बदलाव भी करती है और नये चेहरे की आज़माइश भी करती है. अब भाजपा इस बार किस पर दाँव खेलेंगी यह तो आने वाला समय बताएगा।