मुंबई। उत्तरभारतीय समाज की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी संस्था उत्तर भारतीय संघ के अध्यक्ष संतोष आरएन सिंह ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर पूछे गए सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। उन्होंने इस चुनाव को लेकर उत्तरभारतीय समाज की भूमिका भी स्पष्ट की। प्रस्तुत है संतोष आरएन सिंह से हुई बातचीत के प्रमुख अंश…
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर उत्तर भारतीय समाज में कितना उत्साह है?
– उत्तरभारतीय समाज चुनाव और राजनीति को लेकर हमेशा जागरूक रहा है। इस चुनाव में भी वह जागरूक व सजग है।
इस चुनाव को लेकर उत्तरभारतीय संघ की क्या भूमिका है?
– देखिए, हमने चुनाव के पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि उत्तरभारतीय संघ उसी गठबंधन या दल को समर्थन देगा जो गठबंधन या दल उत्तरभारतीयों व समाज का सम्मान करेगा।
उत्तरभारतीयों के सम्मान से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तरभारतीयों के सम्मान का मतलब यह है कि जो भी दल या गठबंधन सबसे ज्यादा टिकट यानि उम्मीदवारी दी है। उत्तरभारतीय संघ उसे समर्थन दे रहा है।
अब चुनाव अंतिम चरण में है, ऐसे में उत्तरभारतीय संघ ने किस दल या गठबंधन को अपना समर्थन देने का फैसला किया है?
– महायुति ने सबसे अधिक उम्मीदवारी उत्तरभारतीयों को देकर उत्तरभारतीय समाज को सम्मान दिया है। इसके लिए मैं विशेष कर भाजपा नेता व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को धन्यवाद देना चाहता हूं। क्योंकि उत्तरभारतीय समाज को यह सम्मान दिलाने में श्रीमान फडणवीस की भूमिका अहम रही है। यही वजह है कि संघ ने महायुति को अपना समर्थन देने का फैसला किया है। इसके अलावा जब जब समाज को जरूरत पड़ी है। देवेंद्र फडणवीस उत्तरभारतीयों के लिए सबसे आगे खड़े रहते हैं। उत्तरभारतीय संघ के लिए भी श्रीमान फडणवीस जी का योगदान शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।उन्होंने हमेशा उत्तरभारतीय संघ को सपोर्ट किया है।
क्या यह आपका व्यक्तिगत, निजी फैसला है?
– यह फैसला व्यक्तिगत तौर पर केवल मेरा नहीं है बल्कि उत्तरभारतीय संघ की कार्यसमिति की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया फैसला है। संघ की बैठक में फैसला लिया गया कि महायुति ने सबसे अधिक उत्तरभारतीयों को उम्मीदवारी दी है। इसलिए महायुति को समर्थन दिया जाय। साथ ही इस चुनाव में खड़े सभी उत्तरभारतीय उम्मीदवारों को जिताने की अपील समाज से की जाय।
उत्तरभारतीय संघ एक सामाजिक संगठन है। इसके बावजूद यह राजनीतिक फैसला लेने की जरूरत क्यों पड़ी?
– यह फैसला राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक फैसला है। इस फैसले को आप सामाजिक दृष्टिकोण से देखिए। जिस दल या गठबंधन ने उत्तरभारतीय समाज को सम्मान दिया है, उसी को समर्थन दिया गया है और उत्तरभारतीय उम्मीदवारों को जिताने की अपील की जा रही है।
जीतकर आने वाले उत्तरभारतीय विधायकों से संघ को क्या अपेक्षा रहेगी?
–उत्तरभारतीय समाज के लोगों के हितों, सुरक्षा और मजबूत भविष्य का संरक्षण। उत्तरभारतीय समाज की समस्याओं का निराकरण होना चाहिए।
उत्तर भारतीय समाज के लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगे?
–महाराष्ट्र में हम सभी की पहचान सिर्फ उत्तरभारतीय के रूप में है। इसलिए मेरा सबसे निवेदन है कि उत्तर भारतीय समाज के हितों को ध्यान में रखकर ही कोई कदम उठाएं। आपसी मतभेदों को भूलकर समाज के हित में काम करें।