जौनपुर। मुंबई में जिस तरह से भाजपा प्रत्याशियों को शानदार जीत मिली तथा जिस तरह से पहली बार भाजपा को उत्तर भारतीयों का एक तरफा वोट मिला, उससे साफ है कि भाजपा ने इस बार उत्तर भारतीय मतदाताओं को अपनी तरफ मोड़ने के लिए प्रभावशाली नियोजन किया था। उत्तर प्रदेश के एक दर्जन से अधिक विधायकों को अलग-अलग विधानसभाओं में प्रवासी प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया था।
यूपी के विधायकों ने करीब दो महीने तक उत्तर भारतीय मतदाताओं के बीच कड़ी मेहनत की। चारकोप विधानसभा में प्रवासी प्रभारी के रूप में काम करने वाले बदलापुर के विधायक रमेश चंद्र मिश्रा के अनुसार उन लोगों ने सबसे अधिक फोकस उन उत्तर भारतीय मतदाताओं के बीच किया, जो उत्तर प्रदेश में जातिय समीकरण की विचारधारा के चलते भाजपा से दूर हो गए थे। अपने बीच अपने विधायकों को पाकर सभी बेहद खुश नजर आए। सभी को अधिक से अधिक मतदान के लिए प्रेरित किया गया।
आखिरकार सभी उत्तर भारतीयों ने जात पात से ऊपर उठकर भाजपा के पक्ष में मतदान किया। विधायकों ने निर्धारित की गई विधानसभाओं के अलावा अन्य विधानसभा में भी अपनी अपनी विधानसभा के लोगों से संपर्क किया तथा उन्हें भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित किया। रमेश चंद्र मिश्रा की ही तरह सुशील कुमार सिंह, अवधेश सिंह, गिरीश चंद्र यादव, शलभमणि त्रिपाठी, और रमेश सिंह जैसे अनेकों विधायकों ने कड़ी मेहनत की। इन विधायकों ने जिस विधानसभा में काम किया वहां भाजपा को मिली बड़ी जीत ने साबित कर दिया कि उनके द्वारा की गई मेहनत कितना रंग लाई.