न्यु इंडिया को – ओपरेटिव बैंक के पीडित खाताधारकों की आवश्यक मीटिंग
मुंबई – सूरत।रिजर्व बैंक आफ इंडिया सबसे बडी गुनहगार है। यह बात कही निवारा अभियान
मुंबई ट्रेड युनियन ज्वाइंट एक्शन कमीटी ( महाराष्ट्र ) के जनरल सेकरेटरी एवं को कन्वीनर विश्वास उतागी ने।वे मीरा रोड पूनम सागर स्थित राधा क्रिष्ना हाल में न्यु इंडिया को – ओपरेटिव बैंक के पीडित खाताधारकों को संबोथित कर रहे थे।वाइस आफ विक्टिम संस्था द्वारा आयोजित इस मीटिंग में लगभग 300 से भी ज्यादा पीडित खाताधारक उपस्थित थे।विश्वास उतागी ने अपने संबोधन में कहा कि जब बैंकिग गतिविधियां रिजर्व बैंक आफ इंडिया की निगरानी में चलती है तो एक ही दिन में 112 और 12 करोड़ की निकासी कैसे और क्यों हुई ? जबकि बैंक के मैनेजर और कैशियर की जिम्मेदारी होती है कि डेली का लेनदेन टैली करके ही ओफिस से निकलें।उन्होने कहा कि हिरेन और उसकी वाइफ इस समय कहां हैं? न्यु इंडिया बैंक के खाताधारकों को 5 लाख तक दिए जाने का रिजर्व बैंक आफ इंडिया द्वारा नोटिफिकेशन जारी करने की मांग की। खाताथारकों की रैली ,धरना एवं प्रदर्शन करने और आजाद मैदान में मोर्चा निकालने की चेतावनी दी।
कपोल बैंक केस स्टडी प्रस्तुत करते हुए मुंबई हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट अशोक उपाध्याय ने कहा कि कपोल बैंक सौराष्ट्र से निकली एक मल्टी को – ओपरेटिव बैक थी।सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन 2014 में अचानक कामकाज रूक जाता है। एडवोकेट अशोक उपाध्याय ने अपना अनुभव खाताधारकों से शेयर करते हुए कहा कि मर्जर और लिक्वीडेशन कानूनी समाधान हो सकता है लेकिन खाताधारकों का 100 प्रतिशत हित सुरक्षित नहीं है।क्षमता से अधिक लोन देना, जरूरी डाक्युमेन्ट की जांच न करना जैसे कई मुद्दे हैं जिससे बैंक मुश्कल में जाती है, परिणामस्वरूप खाताधारक अपनी जमा पूंजी गंवा बैठते हैं। उन्होने कहा कि न्यु इंडिया को ओपरेटिव बैंक के खाताधारकों को हर तरह की कानूनी परामर्श देने के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा।
वाइस आफ विक्टिम के आशीष मिश्र ने सभी खाता धारकों से एकजुट होकर परिणाम आने तक जंग जारी रखने का वायदा किया।
इस मिटिंग में एक 80 साल के खाताधारक ने रोते हुए बताया कि उसकी जिन्दगी की सारी जमापूंजी खत्म हो गयी। बुढापा खराब हो गया ।न घर का रहा, न घाट का।
खाताधारक अपने पैसे को लेकर टेंशन में हैं।