(शिव पूजन पाण्डेय, वरिष्ठ पत्रकार)
मुंबई। साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था आरम्भ साहित्य मंच के तत्वावधान में रविवार दिनांक 28 एप्रिल 2024 को विष्णु मंदिर सोसाइटी बांगुर नगर गोरेगांव प. में कविगोष्ठी के साथ आरम्भ साहित्य मंच की स्थापना हुई। लखनऊ से पधारे वरिष्ठ कवि रवि मोहन अवस्थी मुख्य अतिथि,विशेष अतिथि डाॅ. कनकलता तिवारी जिसके साक्षी बने।अध्यक्षता महानगर मुंबई के हिंदी साहित्य शिखर पुरूष जवाहर लाल “निर्झर” ने किया व संचालन युवा ओज कवि अल्हड़ असरदार ने किया। उपस्थित कवियों में अन्नपूर्णा गुप्ता “सरगम”, मीनाक्षी शर्मा, सीमा त्रिवेदी, डॉ. मृदुल “महक” कु. नियति शुक्ला, अजय “बनारसी”, वाचस्पति तिवारी संगीता दुबे आदि ने काव्यपाठ किया।
अतिथि द्वारा सरस्वती पूजन के पश्चात डाॅ. मृदुल “महक” ने वाणी वंदना की। उनके गीत ‘बाबा यूँ कहते हैं बेटा आजा वापस गाँव रे’ ने भरपूर तालियां बटोरी। मीनाक्षी शर्मा की रचना ‘रोज अखबार मेरे घर खून से लथपथ आते हैं’ सामाजिक पतन पर चोट करने वाली थी। ‘अच्छे दिन आ गए क्या’ द्वारा सीमा त्रिवेदी ने देश की राजनीति को आड़े हाथों लेने का प्रयत्न किया तो अन्नपूर्णा “सरगम” ने लव जिहाद पर प्रहार करती हुई ओजस्वी रचना पढ़ी, ‘तलवारों की टंकारों से गूंज उठी मैं सरगम हूँ’ उसकी बानगी है। प्रेमचंद संबंध को प्रतिपादित करते हुए संगीता दुबे ने ‘प्यार महसूस करने का नाम है’ नामक रचना पढ़ी। अजय बनारसी ने मैत्री में चतुराई के दुष्प्रभाव को चिन्हित किया।बनारसी की नन्ही बिटिया नियती ने उनके बालगीत ‘सुबह सबेरे चिड़िया बोली’ का पाठ किया। विशेष अतिथि डाॅ.कनकलता तिवारी ने स्त्री विमर्श की अपनी रचना के साथ ‘मैं भूल चुकी हूँ अपनी हकिकत,आ फिर से मुझे याद दिलाने के लिए आ। गजल भी पढ़ी। मुख्य अतिथि रवि मोहन अवस्थी ने विभिन्न रसों में छंद,मुक्तक, गजल सहित उम्दा गीत पढे़ उनकी लयबद्ध उम्दा प्रस्तुति मनमोहक रही।
‘ सायर नहीं बोलते उनकी कलम बोलती है।’
‘प्यार की इस गली में है गीतों का घर’
अश्क़ हमारी आखों के आखों में तुम्हारी हो।
गीत हमारे हो उनमें आवाज तुम्हारी हो।।
वरिष्ठ कवि जवाहर लाल “निर्झर” ने अपनी प्रतिष्ठित रचना ‘अयोध्या की नगरी’ का सस्वर पाठ किया। अल्हड़ असरदार ने एक सधे हुए संचालक की भुमिका के साथ ही चुनावी माहौल में ‘क्या नजर निसाने पे है’ मतदाताओं को मार्गदर्शन करने वाले गीत का पाठ किया।सम्मानित अतिथियों का अंगवस्त्र से सम्मान किया गया।अंत में अजय “बनारसी” ने सभी का आभार ज्ञापित किया।