जौनपुर के विकास को समर्पित उद्योगपति ज्ञान प्रकाश सिंह का सम्मान

जौनपुर। रावण वध के बाद विभीषण ने भगवान राम को लंका का राजा बनाने की पेशकश की। तब प्रभु राम ने बड़ी विनम्रता से कहा था– यद्यपि लंका सोने की बनी हुई है परंतु मेरा इससे लेशमात्र भी मोह नहीं है क्योंकि मां और मातृभूमि स्वर्ग से बढ़कर होते हैं। मुंबई के बड़े उद्योगपति तथा प्रख्यात समाजसेवी ज्ञान प्रकाश सिंह के जीवन पर गौर करें तो भगवान राम की कही हुई बात उन पर पूरी तरह से चरितार्थ होती है। कोरोना संकट काल में जब पूरा देश भय के साए में जी रहा था। चारों तरफ अपरा तफरी मची हुई थी, मुंबई में रहने वाले प्रवासी विकट परिस्थितियों में भी पलायन कर रहे थे, उस समय ज्ञान प्रकाश सिंह किसी देवदूत की तरह सामने आए। उन्होंने सैकड़ो लोगों को जाने के लिए न सिर्फ बस की व्यवस्था की अपितु वैक्सीन और ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे जौनपुर स्वास्थ्य विभाग को अविस्मरणीय योगदान भी दिया। जौनपुर जनपद की अनेक समस्याओं के निराकरण के लिए उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर आर्थिक मदद की। अनेक मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया। गोमती नदी के तट को सुशोभिकरण किया। खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए खेल के सामान से लेकर मैदान तक के संसाधनों की मदद की। जौनपुर के संस्कृति और पहचान से जुड़े अनेक कार्यक्रमों का शुभारंभ किया। आज उनका जन्मदिन है। यही कारण है कि सुबह से ही पूरे देश से उन्हें शुभकामनाएं दी जा रही हैं। महानगर की प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था समरस फाउंडेशन द्वारा आज उनका सम्मान किया गया। संस्था के महासचिव तथा वरिष्ठ पत्रकार शिवपूजन पांडे ने संस्था के चैयरमैन डॉ किशोर सिंह तथा सभी पदाधिकारियों की तरफ से उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। गोरेगांव पूर्व के अटलांटा स्थित कार्यालय में मॉडर्न ग्रुप आफ कंपनीज द्वारा जन्मदिन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देशभर में फैली कंपनी की विभिन्न शाखाओं में काम करने वाले कर्मचारियों के मेधावी बच्चों को सम्मान चिन्ह तथा ग्यारह ग्यारह हजार रुपए नकद पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कंपनी के डायरेक्टर अमित सिंह, सुमित सिंह, प्रवीण सिंह, अभिषेक सिंह, विक्रम सिंह, सत्यदेव सिंह, छोटेलाल सिंह, अखंड राजपूताना सेवा संघ के अध्यक्ष आरपी सिंह समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।