भायंदर में मानव निर्माण पत्रिका का कवि सम्मेलन संपन्न

भायंदर। सामाजिक, साहित्यक एवं सांस्कृतिक सरोकार के लिए प्रतिबद्ध मानव निर्माण मासिक पत्रिका द्वारा उत्सव हाल, फादर जोसफ़ कॉलेज, भाईंदर पूर्व में पत्रिका के दस वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए डॉ.सुधाकर मिश्र ने मुक्तक पढ़ा ‘घृणा की अग्नि में इंसान को इतना न जलना चाहिए। आपसी सदभाव को व्यवहार कहना चाहिए।’ मुक्तक के साथ लम्बी कविता बेटी पढ़ा।मुख्य अतिथि डॉ.कृपाशंकर मिश्र ने अयोध्या और श्रीराम पर लम्बी कविता का पाठ किया। कार्यक्रम के संयोजक प्रो.डॉ.उमेश चन्द्र शुक्ल उप प्राचार्य महर्षि दयानंद कॉलेज मुंबई ने शे’र पढ़ा “किसी धनपति से सवाल मत करना। कुछ भी हो भाईयों से हिसाब मत करना” के साथ दो ग़ज़ल पढ़ें,डॉ.सुशील दुबे ने “एक बार तो पूछ लो बुढ़े माँ बाप कैसे हैं।” भोलानाथ तिवारी भारतांचली ने दो तीखे व्यंग्य कविता का पाठ किया।मुरलीधर पाण्डेय संपादक संयोग साहित्य ने कंजूस शतक से दोहे का वाचन किया।मार्कंडेय त्रिपाठी , शिवपूजन सिंह,विजय नाथ मिश्र ,श्रीधर मिश्र, राजेश दुबे अल्हड़ असरदार ने “भगवाधारी के शासन में साधु मारा जाता है ” श्रीनाथ शर्मा ने भोजपुरी कविता “के हूं के दुःख बता के का होई” , डॉ.रोशनी किरण ने पढ़ा “अक्षर अक्षर मोती सदा संजोती हूं,” डॉ.मृदुला तिवारी,डॉ.प्रकाश सोनी ने “सबला तो वो कहलाएंगी”, तो डॉ. रश्मि सोनी ने कविता पढ़ी “आ जा मेरी सोन चिरैया”, एवं अमरनाथ द्विवेदी ने काव्य पाठ किया। डॉ मृदुला तिवारी ने सरस्वती वंदना किया एवं उप संपादक मानव निर्माण डॉ.उमेश चन्द्र शुक्ल ने कार्यक्रम का संयोजन किया। मानव निर्माण पत्रिका के संपादक महावीर शर्मा ने सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर पत्रकार संदीप सर्राफ ,धर्मेंद्र पाण्डेय,भवानी शर्मा, मुकेश तिवारी,सहित भोर भ्रमण परिवार, हिन्दी प्रचार एवं शोध संस्था, साहित्य सेवा संस्थान, मारवाड़ी समाज एवं उत्तर भारतीय समाज के सैकड़ों लोगों की गरिमामय उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष उंँचाई प्रदान किया।