कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत हुए शामिल
वसई । कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत, जैन आचार्य लोकशजी, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, संस्था की अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मंजू लोढा, ब्रह्मचारी देवेन्द्र भाईजी ने लोढ़ा धाम, नायगांव में आयोजित त्रिदिवसीय अंतराष्ट्रीय जैन साहित्य संगम के राष्ट्रीय अधिवेशन का उदघाटन किया | इस अवसर पर देश विदेश से आए साहित्यकार, लेखक, कवि, उद्योगपति, शिक्षाविद, समाजसेवी, राजनीतिज्ञ उपस्थित रहे | विश्व शांति दूत आचार्य लोकेशजी ने कहा कि साहित्य का राष्ट्र निर्माण व मानव कल्याण में उल्लेखनीय योगदान है | भारत के स्वन्त्रता संग्राम से लेकर वर्तमान तक समाज में जब भी बदलाव की आवश्यकता होती है साहित्य इसमें सबसे आगे रहता है | कलम तलवार से ज़्यादा शक्तिशाली है, अंतराष्ट्रीय जैन साहित्य संगम ने अहिंसा के मार्ग पर चलकर साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने कहा कि साहित्य, समाज के नवनिर्माण में अहम भूमिका निभाता है। साहित्य की मदद से समाज के यथार्थवादी चित्रण, समाज सुधार का चित्रण, और समाज के प्रसंगों की जीवंत अभिव्यक्ति होती है।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एवं लोढ़ा फ़ाउंडेशन के प्रमुख मंगल प्रभात लोढ़ा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह अधिवेशन साहित्य, अध्यात्म और संस्कृति के संगम के रूप में उभरने वाला है, जहां देश-विदेश के जैन साहित्यकार, विद्वान और कला प्रेमी एक मंच पर आएंगे । लोढ़ा फ़ाउंडेशन सदैव साहित्य एवं संस्कृति के उत्थान के कार्यरत है।
ब्रह्मचारी देवेन्द्र भाई ने कहा कि योग से जुड़े अनेक साहित्य जैसे वेद, उपनिषद, योग सूत्र स्मृतियां, बौद्ध धर्म और जैन धर्म की शिक्षाएं, महाकाव्य, और पुराण | साहित्य ने योग को जीवित भी रखा है और जन जन तक पहुंचाया भी है |
अंतराष्ट्रीय जैन साहित्य संगम की अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मंजु मंगलप्रभात लोढ़ा ने कहा कि संस्था कवि सम्मेलन, विद्वान परिसंवाद, महिला सांस्कृतिक सम्मेलन, पुस्तक प्रदर्शनी, और कृतियों का विमोचन जैसे कार्यक्रम आयोजित करती है जो जैन साहित्य को नई ऊँचाइयों पर ले जाने मददगार होगी।
संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीप जैन ‘हर्षदर्शी’, मनोज जैन ‘मनोकामना’, सभी आयोजकों एवं कार्यकर्ताओं ने आयोजन की सफलता के लिए अथक प्रयास किए एवं लोढा धाम में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए लोढा फ़ाउंडेशन का आभार जताया।
इस अवसर पर दिलीप धींग को साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया। कार्यक्रम के दौरान डॉ मंजू मंगल प्रभात लोढ़ा की नई पुस्तक “निर्मल मन में वास करते हैं भगवान“ का विमोचन किया गया। इस अवसर पर वृक्षारोपण भी किया गया।