अग्रवाल समाज ट्रस्ट एवं श्री लक्ष्मीनाथ सेवा समिति का आयोजन

श्रीरामचरितमानस कथा 4 नवंबर से

कथावाचक संत शंभू शरण लाटा बहाएंगे भक्ति की रसधार
पावन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में सूर्य पुत्री मां ताप्ती नदी के किनारे बसे सूरत शहर के सिटी लाइट क्षेत्र में अनुव्रत द्वार के पास अवधपुरी में राम कथा का पावन आयोजन 4 से 12 नवंबर 2024 तक होना तय हुआ है। यह कार्यक्रम सूरत की अग्र वंशजों की पहली संस्था अग्रवाल समाज ट्रस्ट (घुड़ दौड़ रोड) एवं सूरत की सेवा ही सर्वस्व के सिद्धांत पर चलने वाली संस्था श्री लक्ष्मीनाथ सेवा समिति के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित होने जा रहा है।

कार्यक्रम का शुभारंभ सूरत के श्याम प्रभु के आलीशान मंदिर से तुलसी यात्रा के शुभारंभ के साथ होगा एवं कार्यक्रम का समापन पावन देव उठनी एकादशी के दिन शालिग्राम जी तुलसा माता की विवाह के सुंदर आयोजन के साथ किया जाएगा।तुलसा यात्रा की सेवा में संलग्न सुनील गोयल ने बताया नेपाल की गंडकी नदी से सालिगराम भगवान मंगवाए है जिनको जो भी भक्त सेवा के लिए तुलसा माता की शादी के पश्चात अपने घर ले जाना चाहेगा ले जा सकेगा।

नव दिवसीय कार्यक्रम में प्रातः 8:15 बजे से श्री राम चरित्र मानस का नवाह्नपरायण पाठ का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जो अयोध्या के संत श्री सीताशरण जी महाराज के मुखारविंद से संगीतमय आयोजन होगा।पाठ की व्यवस्था में लगे सेवक प्रदीप सराफ ने बताया सूरत में यह पहला विशाल आयोजन होगा।

दोपहर 2.30 बजे से कोलकाता के निवासी वाणी भूषण संत शंभू शरण लाटा जी के द्वारा कथा का रसपान करवाया जाएगा। कथा व्यवस्था में व्यस्त मुरारी सराफ ने बताया लाटा जी की कथा बहुत ही सरल भाषा में होने से श्रोता को समझने
में आसानी रहती है।लाटा जी हजारों भजन अपनी कलम से लिख चुके है,306 कथा आज तक कर चुके है।स्वामी रामसुख दास जी महाराज और डोंगरे जी महाराज को आदर्श मानने वाले लाटा जी किसी तरह की द्रव्य सेवा ग्रहण नहीं करते महाराज का मानना है कथा को बेचना मेरे सिद्धांत के विपरीत है। लाटा जी शेखावाटी के विद्वत विप्र कुल के सपूत कथा वाचक है।
कथा स्थल को अलौकिक बनाने में लगे हुए सेवक मोनू देवड़ा और ललित बजाज ने बताया कथा में आने वाले श्रोता को ऐसा प्रतीत होगा कि अयोध्या नगरी में बैठ कर कथा का रसपान कर रहा हूं।प्रसाद व्यवस्था की जिम्मेदारी मधु शर्मा के साथ शंकर मोर,सुनील अग्रवाल और अनिल भावू वाला देख रहे है इन्होंने बताया प्रत्येक यजमान परिवार के लिए शुद्ध राजस्थानी प्रसाद की व्यवस्था कथा स्थल पर ही अलग से की जाएगी।