मुंबई। महर्षि दयानंद कॉलेज, परेल के हिन्दी विभाग द्वारा पाठ्यक्रम आधारित विशेष अतिथि व्याख्यान का आयोजन “लेखन कौशल एवं वाचन कौशल” विषय पर किया गया। इस अवसर पर विषय विशेषज्ञ प्रो. डॉ. मिथिलेश शर्मा अध्यक्ष, हिन्दी-विभाग रामनिरंजन झुनझुनवाला कॉलेज का सम्मान अंगवस्त्र और पुस्तक देकर उप-प्राचार्य एवं अध्यक्ष हिन्दी-विभाग डॉ.उमेश चन्द्र शुक्ल, डॉ.उषा दुबे एवं कामेश्वर सिंह ने किया।
अपने स्वागत भाषण में डॉ. उमेश चन्द्र शुक्ल ने कहा कि लेखन कौशल एवं वाचन कौशल रोजगार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। कुशल वक्तृत्व एवं व्यवस्थित लेखन कौशल हमारे व्यक्तित्व को द्विगुणित कर देता है। आज के वैश्विक परिदृश्य में किसी भी विषय की विशेषज्ञ सम्भावनाओं के अनंत द्वार खोल देती। इसके लिए हमें लेखन और वाचन की बारिकियों को समझना होगा। हमारे व्यक्तिगत शब्दोंकोष में शब्द संख्या जितनी ज्यादा होगी। हम अपनी बात को उतनी आसानी से सहजता पूर्वक व्यक्त कर सकते है। आशा करता हूं विषय विशेषज्ञ डॉ मिथिलेश शर्मा आपके सभी प्रश्नों का उत्तर देंगी।
लेखन कौशल एवं वाचन कौशल विषय पर बोलते हुए डॉ.मिथिलेश शर्मा ने कहा कि लेखन और वाचन दोनों एक-दूसरे के पूरक है। किसी एक के अभाव में हमारा व्यक्तित्व अधूरा दिखाई पड़ता है। अपने व्यक्तित्व के निखार के लिए, सामाजिक राजनीतिक आर्थिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए अति आवश्यक है कि हमारा वाचन, वक्तृत्व एवं लेखन सरल,सहज प्रवाह पूर्ण प्रभावशाली हों। इसके लिए हमें छोटी छोटी बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। भाषिक संरचना छोटे छोटे वाक्यों में हों। साफ, स्पष्ट बोलने और लिखने के लिए थोड़ा ध्यान रखने की आवश्यकता है। हमें असावधानी, लापरवाही से बचने कि आवश्यकता है। इस विशेष अतिथि व्याख्यान का संचालन डॉ उषा दुबे ने किया एवं कामेश्वर सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
महर्षि दयानंद कॉलेज में अतिथि व्याख्यान आयोजित
